माँ दुर्गा चालीसा का पाठ हिन्दू धर्म में बहुत ही हर्ष एवं उल्लास के किया जाता है | नवरात्रि के समय में लोग माँ दुर्गा की नव दिनों तक आराधना करते हैं |
इस पोस्ट में बताएँगे की दुर्गा चालीसा का पाठ कैसे , कब एवं कहाँ किया जाता हैं | इसके बारें में हम विस्तार से बात करेंगे |
श्री दुर्गा चालीसा आरती
हिंदू धर्म में मां दुर्गा चालीसा पाठ को बहुत ही हर्ष और उल्लास पढ़ा जाता है | मां दुर्गा चालीसा का पाठ करने वाले भक्तों के लिए इस पोस्ट में दुर्गा चालीसा को दिया गया है |
दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप इसे आसानी से अपने मोबाइल और लैपटॉप में सेव कर सकते हैं | मां दुर्गा की चालीसा पाठ करने में आपको मदद मिलेगी|
दुर्गा चालीसा आरती pdf
PDF का नाम | दुर्गा चालीसा आरती |
pdf Size | 11 |
Page | 1.5 MB |
Language | Hindi |
Categories | Religious |
Link | Download PDF |
दुर्गा चालीसा हिंदी में
माँ दुर्गा चालीसा पाठ करने के लिए इस पोस्ट में श्री दुर्गा चालीसा आरती सहित pdf को दिया गया है, इस pdf की मदद से आप सब लोग दुर्गा आरती कर सकते है |
दुर्गा आरती को करने से पहले किसी चौकी या लकड़ी पर लाल कपडे को रख उसके ऊपर माँ दुर्गा का चित्र रख कर पूजा अर्चना की जाती है |
चालीसा का पाठ कैसे करें
मां दुर्गा चालीसा पाठ करने से पहले स्नान करें तथा स्नान करने के बाद किसी चौकि या लकड़ी के टेबल पर लाल कपड़े को बिछाकर, मां दुर्गा के चित्र फोटो को रखकर के श्री दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है| तथा पाठ करने के बाद मां से आशीर्वाद लेकर के प्रसाद को बंटा जाता है|
दुर्गा चालीसा करने के लाभ
मां दुर्गा चालीसा का पाठ करने से बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं;
- दुर्गा चालीसा पढ़ने से कष्ट मुक्त होता है,
- शरीर की मानसिक तनाव की स्थिति में सुधार आता है|
- मां की आराधना से शांति प्राप्त होती है|
- कष्ट को सहने की शक्ति प्राप्त होती है,
- तमाम दुख को सहने के लिए ऊर्जा प्राप्त होती है|
मां दुर्गा चालीसा पाठ करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं तथा भक्तों पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं |जिससे भक्तों पर आने वाले दुखों और कष्टों को सहने की शक्ति प्रदान करते हैं |
पाठ करने से परिवार में सुख, शांति, उन्नति, समृद्धि प्राप्त होती है| कष्ट का निवारण होता है, नवरात्रि के समय में मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करके लोग पूजा अर्चना करते हैं |
Durga Chalisa Lyrics in Hindi Pdf के कुछ अंश
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥
निराकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लय कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा॥
धरा रूप नरसिंह को अम्बा।
प्रगट भईं फाड़कर खम्बा॥
रक्षा कर प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर-खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजे॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगर कोटि में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब-जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावै।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप को मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावे।
मोह मदादिक सब विनशावै॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
FAQs
दुर्गा चालीसा के रचयिता कौन है?
दुर्गा चालीसा की रचना देवीदास जी ने की थी
दुर्गा चालीसा करने के लाभ
- दुर्गा चालीसा पढ़ने से कष्ट मुक्त होता है|
- शरीर की मानसिक तनाव की स्थिति में सुधार आता है|
- मां की आराधना से शांति प्राप्त होती है|
- कष्ट को सहने की शक्ति प्राप्त होती है|
- तमाम दुख को सहने के लिए ऊर्जा प्राप्त होती है|
चालीसा का पाठ कैसे करें ?
- मां दुर्गा चालीसा पाठ करने से पहले स्नान करें तथा
- स्नान करने के बाद किसी चौकि या लकड़ी के टेबल पर लाल कपड़े को बिछाकर
- मां दुर्गा के चित्र फोटो को रखकर के श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें |
- पाठ करने के बाद मां से आशीर्वाद लेकर के प्रसाद को बंटा जाता है|
दुर्गा चालीसा क्यों पढ़ना चाहिए?
अगर आपको मां दुर्गा को प्रसन्न करना है तो आपको दुर्गा चालीसा का पाठ करना अनिवार्य होगा क्योंकि दुर्गा चालीसा के पाठ करने से मां दुर्गा बहुत ही ज्यादा प्रसन्न हो जाते हैं ।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने माँ दुर्गा चालीसा pdf के बारें में बात की , यह pdf दुर्गा माँ की आराधना के लिए ही बनाया गया है |
माँ दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करके free में डाउनलोड करके दुर्गा माँ की आराधना कर सकते हैं|
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