माण्डूक्य उपनिषद Pdf, Mandukya Upanishad in Hindi Pdf |

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Mandukya Upanishad in Hindi

यह pdf आपको माण्डूक्य उपनिषद को पढ़ने में मदद करेगा | माण्डूक्य उपनिषद को इस pdf में डिटेल में दिया गया | मांडूक्योपनिषद को अथर्ववेद के ब्राह्मण भाग से लिया गया है | अभिव्यक्ति की चार अवस्थाएँ हैं, जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरीय |

Mandukya Upanishad in Hindi Pdf
Mandukya Upanishad in Hindi Pdf

Mandukya Upanishad Pdf Details

Name of PDFMandukya Upanishad
Pdf Size415 MB
Page350
LanguageHindi
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मांडूक्य उपनिषद के बारें में

मांडूक्य उपनिषद संस्कृत भासा में लिखा गया है | यह अथर्ववेद में लिखा गया एक उपनिषद है | मांडूक्य उपनिषद के रचयिता वैदिक काल के ऋषि को माना गया है | जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरीय इस उपनिषद की चार चेतन अवस्थाये है |

आत्मा चतुष्पाद की चार अवस्थाएँ

आत्मा चतुष्पाद है अर्थात् उसकी अभिव्यक्ति की चार अवस्थाएँ हैं जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरीय।

  • जाग्रत अवस्था की आत्मा को वैश्वानर कहते हैं, इसलिये कि इस रूप में सब नर एक योनि से दूसरी में जाते रहते हैं। इस अवस्था का जीवात्मा बहिर्मुखी होकर “सप्तांगों” तथा इंद्रियादि 19 मुखों से स्थूल अर्थात् इंद्रियग्राह्य विषयों का रस लेता है। अत: वह बहिष्प्रज्ञ है।
  • दूसरी तेजस नामक स्वप्नावस्था है जिसमें जीव अंत:प्रज्ञ होकर सप्तांगों और 19 मुर्खी से जाग्रत अवस्था की अनुभूतियों का मन के स्फुरण द्वारा बुद्धि पर पड़े हुए विभिन्न संस्कारों का शरीर के भीतर भोग करता है।
  • तीसरी अवस्था सुषुप्ति अर्थात् प्रगाढ़ निद्रा का लय हो जाता है और जीवात्मा क स्थिति आनंदमय ज्ञान स्वरूप हो जाती है। इस कारण अवस्थिति में वह सर्वेश्वर, सर्वज्ञ और अंतर्यामी एवं समस्त प्राणियों की उत्पत्ति और लय का कारण है।

mandukya upanishad

इस उपनिषद के रचनाकाल को लेकर विद्वानों में कई मत है, कुछ विद्वान इसे ब्राह्मण या आरण्यक काल का मानते हैं | उपनिषदों के रचना काल से विद्वान एक मत नहीं हैं |

मांडूक्य उपनिषद क्या कहता है?

मांडूक्य उपनिषद में 12 छोटे छंद शामिल हैं , इसमे चार चेतना का वर्णन किया गया है | इसमें दावा किया गया है, ॐ ब्रह्म है |

मांडूक्य उपनिषद में सात अंग कौन से हैं?

इस उपनिषद में सात अंग इस प्रकार है , एक श्लोक के अनुसार ,

  • आकाश सिर है ,
  • वायु सांसे हैं ,
  • सूर्य ,आखें है ,
  • अग्नि ह्रदय है ,
  • जल पेट है
  • पृथ्वी पैर है
  • अंतरिक्ष शरीर है|

FAQs

Q1. उपनिषद में कितने श्लोक हैं?

अथर्ववेद का हिस्सा है, इसमे 12 श्लोक है |

Q1. मुंडक उपनिषद से क्या लिया गया है?

मुंडक उपनिषद से सत्यमेव जयते लिया गया है?

निष्कर्ष

माण्डूक्य उपनिषद Pdf में उपनिषद सम्बंधित श्लोक , मंत्र संबधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | इस pdf को डाउनलोड करने के लिंक पर क्लिक करके मोबाइल या लैपटॉप में डाउनलोड कर सकते हैं | इस उपनिषद में अभिव्यक्ति की चार अवस्था के बारे में भी बताया गया है | .

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